outsourced employees 2023 : बड़ी खुशखबरी भारत सरकार के आदेश के अनुसार आउट्सोर्स कर्मचारियों को अब मेलेगी यह सुविधा

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Outsourced Employees: Outsource पर रखे गए karmachaariyon के हर दिन शोषण के आए दिन मामले अखबारों के सामने आते-रहते हैं की आउट्सोर्स के कर्मचारियों के साथ भेदभाव,उनकी सौलरी समय सीमा मे न देना, कोई भी काम करने के लिए दवाव बनाना, जेसे outsourced employees के साथ अत्याचार किया जाता रहा है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। क्योंकि भारत सरकार के sharm rojgar mantralaya ने हाल ही में contracted (ठेका) karmchariyan के हितों की रक्षा हेतु भारत सरकार का कार्यालय में outsourced agencies के माध्यम से जन शक्ति को काम पर रखने के contracted में जीईएम (सरकारी ई विपणन) पोर्टल पर छह वैधानिक दायित्वों को शामिल किया गया।

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राज्यों और संघशासित प्रदेश के सचिवों और प्रशासकों को भेजे अपने पत्र में केंद्रीय श्रम सचिव सुश्री आरती आहूजा ने contracted के माध्यम से राज्यों/संघशासित क्षेत्रों के कार्यालयों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों के वेतन भत्तों में अनाधिकृत कटौती के कारण कम भुगतान के बारे में चिंता व्यक्त की है। आगे उन्होंने contracted agencies द्वारा karmchariyan के वेतन भुगतान में देरी और EPF और ईएसआईसी के अंशदान के कम जमा होने पर भी चिंता व्यक्त की।

राज्य केंद्र शासित प्रदेशों के सरकारी कार्यालयों में बाहरी contracted पर लगे कर्मचारियों को शोषण से बचाने के लिए केंद्रीय श्रम सचिव ने सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सचिवों/प्रशासकों के अपने अनुबंध में निम्न वैधानिक दायित्वों को शामिल करने की सलाह दी है, ताकि कर्मचारियों के अधिकार सुरक्षित रहें।

outsourced employees को यह सुविधा मिलेगी

  • एजेंसियों द्वारा समय पर ईपीएफ और ईएसआईसी अंशदानों का अनिवार्य भुगतान।
  • सेवा प्रदाता/ठेकेदार, सरकार द्वारा निश्चित किए गए न्यूनतम मजदूरी से कम भुगतान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होगा।
  • सेवा प्रदाता/ठेकेदार कर्मचारियों के वेतन से कोई अनाधिकृत कटौती नहीं करेगा
  • ठेका श्रम विनियमन और उन्मूलन अधिनियम 1970 के अनुसार सेवा प्रदाता या ठेकेदार संविदा कर्मचारियों के समय पर भुगतान के लिए जिम्मेदार होगा। प्रमुख नियोक्ता/खरीदार ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों के समय पर वेतन भुगतान को सुनिश्चित करेगा। यदि सेवा प्रदाता/ ठेकेदार समय पर कर्मचारियों के वेतन भुगतान में असफल रहता है या कम भुगतान करता है, तो मुख्य नियोक्ता या खरीददार सीधे कर्मचारियों को वेतन भुगतान कर के सेवा प्रदाता या ठेकेदार से राशि वसूल करने के लिए उत्तरदायी होगा।
  • सेवा प्रदाता/ठेकेदार कर्मचारियों को बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के अनुसार कर्मचारियों को बोनस देने के लिए उत्तरदायी होगा और खरीदार से इसकी प्रतिपूर्ति प्राप्त कर सकेगा।
  • सेवा प्रदाता/ठेकेदार उपदान भुगतान अधिनियम 1972 के प्रावधनों के अनुसार निरंतर सेवा में रहे कर्मचारियों को आनुपातिक उपदान के भुगतान के लिए जिम्मेदार होगा।

मुझे आशा की आप को यह आर्टिकल से outsourced employees की न्यू अपडेट की जानकारी मिल गई होगी

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